श्रीमद्भागवत कथा ज्ञानयज्ञ द्वारा हाबड़ा के बांधाघाट के बगेश्वर महादेव मंदिर में चल रहे आठ दिवसीय भागवत कथा के छठे दिन भागवत आचार्य जय प्रकाश शास्त्री ने बाल लीला,भगवान् के गिरिराज बनने की कथा सुनाया ! हाबड़ा के बंगेश्वर महादेव मंदिर में श्रीमद्भागवत प्रचार समिति द्वारा आयोजित आठ दिवसीय भागवत कथा के छठे दिन भगवता आचार्य जय प्रकाश शास्त्री ने कहा कि गौ माता संतान धर्म की रीढ़ की हड्डी है। गो बचेगी तो सनातन धर्म बचेगा हमारे सनातन धर्म मे कोई भी संस्कार पंचगव्य के बिना सम्पन्न नही होता। गौ सेवा से सब्जी देवी-देवताओं की पूजन होती है। जिस घर में गौ सेवा होती है, वहां अन्न, धन, संतान का कभी अभाव नही होता। 
गिरिराज पूजन पर बोलते हुए शास्त्री जी ने कहा कि इंद्र को अपने इन्द्रपने (देवराज पद) का अभिमान हो गया था। उसी अभिमान को दूर करने के लिए श्री कृष्ण ने नन्द आदि गोपियों को कर्मवाद का उपदेश दे कर नित्य से चली आ रही पुरानी और रूढ़िवादी इंद्र की पूजा बंद करवा कर गिरिराज पूजन की नई परंपरा का प्रचलन करवाया। इंद्र का अभिमान दूर हुआ, कृष्ण से क्षमा।याचना की। श्री कृष्ण ने कहा-इंद्र तुम्हे अपने पद का अभिमान हो गया था। ऐश्वर्य पा कर तुम मुझे भूल गए थे। अपनी स्मृति दिलाने के लिए मैंने तुम्हरी पूजा बंद करवा दी। अबसे तुम्हरा पूजन न हो कर गिरिराज का पूजन होगा। इनके पूर्व शास्त्री जी ने बाल लीला,भगवान् के गिरिराज बनने की कथा सुनाया। भगवान श्री कृष्ण की बाल लीलाओं का व्याख्यान करते हुए श्री कृष्ण द्वारा की गई  à¤®à¤¾à¤–न चोरी,  à¤ªà¥‚तना वध,  à¤•à¤¾à¤²à¤¿à¤¯à¤¾ नाग वध,  à¤—्वाल बाल सखा एवं गोपियों के साथ उनके अनेक लीलाओं का वर्णन किया।कार्यक्रम में अतिथि के रूप में पहुंचे ब्रिज मोहन बेरीवाल, चंडी प्रसाद बंसल(संरक्षक), विजय कुमार बोंडिया और कलकत्ता पिंजरापोल सोसाइटी के महासचिव पुरसोत्तम परसरामपुरिया ने व्यासपीठ की आरती की और आशीर्वाद लिया !श्रीमद् भागवत प्रचार समिति की ओर से मनोज लुहारीवाला और आनंद जैन ने सभी भक्तों को आज विष्णु महायज्ञ और रुक्मणि विवाह के लिए सादर आमंत्रित किया !